दसरे के पावन अवसर पर श्री महासरस्वती और श्री सरस्वती पूजन भी महाराष्ट्र में होता है।
मुझे बचपन से विजय दशमी के दिन एक चिह्न तथा खिंची हुई प्रतिमा हमेसा दिखाई देती थी। उस चित्र तथा प्रतिमा का कोई अर्थ मुझे समझ नही आता था मित्रों तथा परिजनों के साथ इस विषय पर चर्चा कर इसके प्रति कोई जानकारी नही मिली। मैंने इस दसरा पर मेरे पुणे के एक दोस्त से चर्चा करने पर इस चित्र के बारे में जानकारी मिली है। क्यो यह रेखांकन कीजा जाता है? इसके प्रति क्या मान्यताये है? इन सभी प्रश्नों के उत्तर मैं आपके साथ सांझा करना रहा हु। इस जानकारी में कोई कमी या गलती लगे तो हमे कॉमेट बॉक्स में इस के प्रति जानकारी अवगत कराएं। यह प्रतिकृति तथा चिह्न श्रीमहासरस्वती एवं श्रीसरस्वती संदर्भित है जो विजयादशमी के दिन की जाती है। यह श्रीमहासरस्वती एवं श्रीसरस्वती पूजन दसरे के दिन होता है। दसरे के पावन अवसर पर श्री महासरस्वती और श्री सरस्वती पूजन भी महाराष्ट्र में किया जाता है। पूजा के लिए माता के सामने के स्थान पर या किसी पत्थर के लिखने वाले चीज पर दिए गए चित्रों को श्रद्धा से पत्थर के पृष्टभूमि पर खिंचा जाता है और दिल से माता की पूजा की जाती है। वैसे तो यह दोनों तस्वीरों को साथ-साथ पत्थर के पृष्ठभूमि वाल...